दीप जलाए जाएँगे
दीप जलाए जाएँगे
क्रांति के सुपथ पर दीप जलाये जाएँगे
वीर जवानों के लिए शीश झुकाये जाएँगे।
ओ! नौजवानों, हो बाँकुरे, बीड़ा ये उठा लो,
ओ ! साथियों , निष्ठा की ज्योत को जगा लो
देखना रातों की नींद न दिन का आराम हो,
देश की अखंडता ही देश का ईनाम हो,
जोश दिलों में फिर से वही जगाये जाएँगे
वीर जवानों -- - - - - ।
दिशा-दिशा में घूम-घूम कर, अलख जगायेंगे
तूफानों से घिरे कश्तियाँ, कदम बढ़ाएँगे
जोर-जुल्म अब न सहेंगे, आवाज उठाएँगे
देश द्रोहियों को खडेड़ कर , दूर भगाएँगे
फौलादी बन चट्टानों से टकराने जाएँगे
वीर जवानों - - - - - - ।
देश क्षितिज पर लिखी नई कहानी जाएगी
माता कसम है! भोर सुहानी लायी जाएगी
देश सुरक्षा की खातिर जो जां लुटा कर चले गए
कैसे जन-जन से भूली, वो जवानी जाएगी
चैन-ओ-अमन तक चलो मस्तक लुटाए जाएँगे
वीर जवानों - - - - - ।