Sudhir Srivastava

Inspirational

3  

Sudhir Srivastava

Inspirational

धरोहर

धरोहर

1 min
264



हम सबके लिए

हमारे बुजुर्ग धरोहर की तरह हैं,

जिस तरह हम सब

रीति रिवाजों, त्योहारों, परम्पराओं को

सम्मान देते आ रहे हैं

ठीक उसी तरह

बुजुर्गों का भी सम्मान

बना रहना चाहिए।

मगर यह विडंबना ही है

कि आज हमारे बुजुर्ग

उपेक्षित ,असहाय से

होते जा रहे हैं,

हमारी कारस्तानियों से

निराश भी हो रहे हैं।

मगर हम भूल रहे हैं

कल हम भी उसी कतार की ओर

धीरे धीरे बढ़ रहे हैं।

अब समय है संभल जाइए

बुजुर्गों की उपेक्षा, निरादर करने से

अपने आपको बचाइए।

बुजुर्ग हमारे लिए वटवृक्ष सरीखे

छाँव ही है,

उनकी छाँव को हम अपना

सौभाग्य समझें,

उनकी सेवा के मौके को

अपना अहोभाग्य समझें।

सबके भाग्य में

ये सुख लिखा नहीं होता,

किस्मत वाला होता है वो

जिसको बुजुर्गों की छाँव में

रहने का सौभाग्य मिलता ।

हम सबको इस धरोहर को

हर पल बचाने का

प्रयास करना चाहिए,

बुजुर्गों की छत्रछाया का

अभिमान करना चाहिए।

सच मानिए खुशियां

आपके पास नाचेंगी,

आपको जीवन की तभी

असली खुशी महसूस होगी।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational