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Vanita Saroha

Inspirational

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Vanita Saroha

Inspirational

धर्म तिरंगा

धर्म तिरंगा

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203


कोई तो पूछे धर्म हमारा, पूछे क्या हमारा जाता है

कह देना है धर्म तिरंगा, जाति भारत की माटी है

इस माटी से उपजे है, इस माटी में मिल जाएंगे।


धरती के घर आंगन में, ध्वज तिरंगा फहराएंगे

इस ध्वज के वंदन से आसमां तलक झुक जाएगा

फूल चिढ़ा ये विश्व भी नतमस्तक हो जाएगा

फूल क्या इसके चरणों में जान चढ़ा दी जाती है।


कोई तो पूछे धर्म हमारा पूछे क्या हमारी जाति है

कह देना है धर्म तिरंगा जाति भारत की माटी है।


सबसे पहले छूती है चरण, रवि किरण ये वो माटी है

अतिथि को यहां भगवान से बढ़कर इज्जत दी जाती है

वह तीरथ बन जाता है, जहां पर नदियां मिल जाती है

रास रचाती वृंदावन में, राधा कृष्ण और गोपियां मिल जाती है

हर डाल पर कोयल कूके हैं, कोई सोने की चिड़िया चहचहाती है।


कोई तो पूछे धर्म हमारा पूछे क्या हमारी जाती है

कह देना है धर्म तिरंगा जाति भारत की माटी है।


कोई ना सोचे इस ध्वज का मस्तक नीचा कर जाएगा

कोई ना सोचे इस माटी का आंगन मैला कर जाएगा

नापाक इरादों वाली हर छाती चीर दी जाती है

हर 'डायर' को 'उधम सिंह' वाली गोली मार दी जाती है।


कोई तो पूछे धर्म हमारा, पूछे क्या हमारी जाति है

कह देना है धर्म तिरंगा, जाति भारत की माटी है।



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