देश हमारा
देश हमारा
जग में सुंदर सबसे न्यारा,
भारत प्यारा देश हमारा।
शीर्ष में जिसके पर्वतराज,
पहनाता बर्फ़ों की ताज।।
गंगा-यमुना हृदय में बसती,
विंध्य श्रेणियां कमर को कसती।
निर्मल सागर चरण को धोता,
पूर्वोत्तर है गौरव होता।।
वेद- ऋचाएं यहीं बनी थी,
हल्दी घाटी यहीं ठनी थी।
सुर कबीर कृष्ण गोपाला,
ध्रुव अहिल्या सती अपाला।
भारत प्यारा देश हमारा।।
