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Sarita Saini

Abstract

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Sarita Saini

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देर तक देखते रहे हम

देर तक देखते रहे हम

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देर तक देखते रहे हम उन्हें,

वो जा चुके थें हमेशा के लिये, 

फिर भी दिल को ऐतबार न था

उनका मुझे छोड़ जाने का


रूह में समा गयें थें वो शायद, 

इसलिये दिल के एक कोने में

दर्द आज भी है इन आँखों को

उनके दीदार की 

तलब आज भी है,


सुलगते रहें अरमाँ मेरे किससे कहें हम,

वो जा चुके थें... उन्हें जाते हुए यूँ ही

बस देखते रहें हम।


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