छिपाए नहीं छिपती
छिपाए नहीं छिपती
माँ के आंखों में अपने बच्चों के लिए
प्यार छिपाए नहीं छिपता ,
पापा के डांट में उनके बच्चों के लिए चिंता छिपाए नहीं छिपती,
दीदी के वह ताने के पीछे उसका स्नेह छिपाए नहीं छिपता ,
दोस्तों की वह टांग खिचाई में उनका अपनापन छिपाए नहीं छिपता ,
छोटे बच्चों से खेलने में उनके आखों का भोलापन छिपाए नहीं छिपता ,
किसकी मदद करने पे उनके मुस्कुराते चेहरे के पीछे हमारे लिए आशीर्वाद छिपाए नहीं छिपता ,
फौज के जवानों में देश के लिए सम्मान और प्यार उन्के बलिदानों से छिपाए नहीं छिपता ,
जानवरों के आखों में इन्सान पे वह भरोसा छिपाए नहीं छिपता ,
अक्सर ऐसी चीज़ें जो बातों से बयान ना हो सके छिपाए नहीं छिपता।