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Lalita sharma नयास्था

Inspirational

4.5  

Lalita sharma नयास्था

Inspirational

चाँदनी चाँद से लाज रखने लगी

चाँदनी चाँद से लाज रखने लगी

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बेख़ुदी आज हद पार करने लगी।

चाँदनी चाँद से लाज रखने लगी।।


गेसुओं को न यूँ ज़ोर-से झटकिये।

आशक़ी आपसे और बढ़ने लगी।


फूल-से मख़मली आप हो हमनशीं।

ज़िंदगी राह पे और चलने लगी।


कारवाँ ये चलेगा तभी ज़हनशीं ।

साथ जो तुम रहो प्यास बढ़ने लगी।।


ख़ामख़ां राज़ को यूँ न खोलिए।

गुफ़्तगू अब नयीं चाल चलने लगी।।


शौख़ अंदाज़ सब कर गया बयाँ।

राजदाँ रात यूँ आम करने लगी ।


आशियाँ प्यार का इक नया कद्रदाँ।

आरज़ू कहकशां शोख़ रखने लगी।।



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