चाँद
चाँद
चाँद ,चंद्रमा शशि
मून जाने कितने नाम।।
सोलह कला से पूरित
अमावस अंधेरों में आशा
पूर्ण, पूर्णिमा का चांद।।
बचपन का चंदा मामा
सुंदर ,सुंदरता का अभिमान।।
चाँद जैसी सूरत ,मोहिनी,
मूरत प्रेम आकर्षण में
सकल जगत विख्यात।।
दूज का चांद, चौथ का
चाँद रिश्तों रीति रिवाज
समाज व्यहार विचार
विश्वास का चांद।।
ईद का चांद, चौदहवीं
का चांद प्रतीक्षा, प्रेम,
प्रतिज्ञा का चाँद।।
सावन की घटाओं का
चाँद प्रेमिका की केशुओ में
छुपा उत्साह उद्देश्य का चांद।।
चाँद युग संसार मे
प्रेम ,अमन, शांति का संचार
चाँद सुंदर ,अतिसुन्दर,सुंदरतम भी
दागदार शीतल चाँद मधुर चाँद।।
गतिमान चाँद, चाँद की
अंजोर चाँदनी का चाँद।।
ग्रीष्म तपन की अगन से
मुक्ति स्वपन साकार
आकांछाओं का चाँद।।
वर्षा बादलों में छुपा कर्म
किसान का हर्ष चाँद।।
वासंती वायरों के झोंको में
आती नव कोमल ,किसलय
की महक गमक का खास चाँद।।
सावन की बहारों फुहारों में
छुपा भादों की जल भद्रता
अभद्रता का चाँद।।
शरद सुहाना, उल्लास ,उमंग
उद्देश्यों पथ का परिणाम, प्रसंग,
आस्था ,विश्वास का अमरत्व
अमर अवनि का आकाश में
मुस्कुराता चाँद।।
शारद की सार्थक शक्ति
कर्म ,धर्म ,काल ,गति
शिव के मस्तक का चाँद
माँ चंद्रघंटा की शोभित
शोभा चाँद।।
पूरब ,पश्चिम उत्तर , दक्षिण
शरद का शौम्य, शीतल, मनोरम
मनभावन जग पावन
कल्याण, भाग्य भगवान
सर्व बाधा मुक्ति की
शक्ति शरद का चांद।।
