चांद की बातें
चांद की बातें
चाँद करता रहा मुझसे बातें
के तन्हा कटती नहीं उसकी रातें।
सितारे फ़लक पर हैं लाखों
पर हमको नहीं वो लुभाते।
नज़रें करती हैं उनकी इबादत
इश्क़ को हम दिल में छुपाते।
इश्क़ के तो रंग हैं हज़ारों
क्यों इबादत के रंग हमने बांटे।
वक़्त कटता नहीं बिन उनके
चलो अब तो उन्हें ये बता दें।

