Professor Dr. Anand Nighojkar
पहाड़ों के पत्थर है पड़े नदियों पर एक पत्थर फिर शिव बन रहा है। पहाड़ों के पत्थर है पड़े नदियों पर एक पत्थर फिर शिव बन रहा है।
वक़्त कटता नहीं बिन उनके चलो अब तो उन्हें ये बता दें। वक़्त कटता नहीं बिन उनके चलो अब तो उन्हें ये बता दें।
बहा दीवारों से तो नियामत बदल दी उनकी। बहा दीवारों से तो नियामत बदल दी उनकी।
ये कुछ दौलत है ये कुछ ताक़त है इसे अपने में जोड़ते हैं आओ न सियासत सियासत खेलते हैं। ये कुछ दौलत है ये कुछ ताक़त है इसे अपने में जोड़ते हैं आओ न सियासत सियासत खेलते...