चाहत
चाहत
एक अनोखी शाम थी,
नदी के दो छोर पर एक नर और नारी रहते थे।
दोनों कागज की किश्ती से अपना-अपना पैगाम पहुंचाते थे,
ऐसा करते-करते दोनों में अब इश्क हो गया।
इश्क तो एक ऐसी बीमारी है जो सबको दूर से पास ले आती है,
एक दिन दोनों ने तय कर लिया,
आज हम पास आकर एक दूसरे से बात करेंगे।
क्योंकि दोनों ही एक दूसरे के लिए अनजान है,
और दोनों एक दिन आपस में मिले।
उनका प्यार तो और परवान चढ़ा,
दोनों के चेहरे पर मास्क थे।
नारी एक दिन नदी में गिर गई,
उसको बचाने के लिए नर नदी में कूद गया।
फिर दोनों के मास्क हट गए,
तो दोनों ही झुलसे हुए चेहरे के मालिक थे।
पर दोनों ने शादी करने की ठानी,
और करोना का फायदा उठाने की ठानी।
बोले हम कभी भी किसी को अपना मुख नहीं दिखाएंगे,
और हम दूल्हा दुल्हन बन जाएंगे,
और अपने ख्वाब सजाएँगे।