बूंदों की सरगम
बूंदों की सरगम
ये बून्द धरा पर गिरने दो
धरती को पानी पीने दो
फूलों की खुशबू फैलने दो
पेड़ो को खूब महकने दो
बारिश की बूंदे गिरने दो
धरा का रूप सँवरने दो
बरसात की झड़ी चलने दो
बरसाती पानी भरने दो
लता को झूम फैलने दो
दुल्हन सा रूप से धरने दो
धरती माँ को प्रफुल्लित होने दो
सावन की छटा बहने दो
पेड़ों पर झूले पड़ने दो
सखियों को खूब झूलने दो
घर घर खुशहाली आने दो
बूंदों को खुलकर आने दो
बारिश का पानी भरने दो
खेती हो लहलहाने दो
बूंदों की सरगम बहने दो
मन मगन मगन होने दो।