बलिदान
बलिदान
जीवन की नश्वरता,
आत्मा की अमरता,
दुख की करुणता,
हर्ष की उल्लास्ता,
इन सब पर भारी है, आनंद देश पर बलिदान का।
वात्सल्य ,
ममता,
रति,
इन सब पर भारी है, प्रेम मातृ भूमि बलिदान का ।
शेर गज झुंड ,
ज्ञानी जड़ मूर्ख,
नेवला सर्प,
बगुला दादर,
इन सब पर भारी है, गर्जन दुश्मन पर सिंह सपूत का ।
पाक फौज,
चीन ओज,
देश देशन,
इन सब पर भारी है, "मुक्का" मेरे अग्नि वीर का।
यज्ञ घी,
तम तेज,
पिया सेज
इन सब पर भारी है, बलिदान एक शहीद का।