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"निर्मूणी"@ संजीव कुमार मुर्मू

Abstract Tragedy Inspirational

4.5  

"निर्मूणी"@ संजीव कुमार मुर्मू

Abstract Tragedy Inspirational

भरोसा

भरोसा

2 mins
358


भरोसा एक सब उठा

बारह अपनो के चेहरे 

पै पड़ोसियों के बारह  


नखरे नाते रिश्ते रोये

रिश्ते नातों की संबंध

दिल के लाला करीबी 

ताला नाते बने रिश्ते  


भरोसा एक सब उठा

बारह अपनो के चेहरे 

पै पड़ोसियों के बारह  


निकले दिल की दरारें 

कनखजूरे कुलबुलाती 

चालाकी व चुहलबाज़ी  

वार्तालाप संग कानाफूसी


भरोसा एक सब उठा

बारह अपनो के चेहरे 

पै पड़ोसियों के बारह  


नजरों की नजाकत 

हिदायतो में तब्दील

 हंसने वाले होंठ 

 हूह के लिए बचे


भरोसा एक सब उठा

बारह अपनो के चेहरे 

पै पड़ोसियों के बारह  


एक दूसरे को बोल

बचकर एक दूसरे 

चुराई नजर फेरे


भरोसा एक सब उठा

बारह अपनो के चेहरे 

पै पड़ोसियों के बारह  


'भ' भय पैदा भरोसे

 'रो' ने रोना रोया

'स' संबध बंधन मुक्त


भरोसा एक सब उठा

बारह अपनो के चेहरे 

पै पड़ोसियों के बारह  


लिहाज़ की लू उतरी

रहन सहन में अहम

स्थाई सदस्य ली वहम


भरोसा एक सब उठा

बारह अपनो के चेहरे 

पै पड़ोसियों के बारह  


भरोसा ऊपर उठ गया

उठा होगा और ऊपर

नीचे जाकर उपर उठने

तमीज किसे नहीं फिकर 


भरोसा एक सब उठा

बारह अपनो के चेहरे 

पै पड़ोसियों के बारह  


धरती के नीचे जाते पानी

धरती की नजर ऊपर उठा

झुकर पैर छुने ऊपर उठने

तहजीब सब को रहती याद 


भरोसा एक सब उठा

बारह अपनो के चेहरे 

पै पड़ोसियों के बारह  


नजरे झुका दिलों में ऊंचे

रवायत रुखसत यूं नहीं

उठने का अर्थ और ऊपर 


भरोसा एक सब उठा

बारह अपनो के चेहरे 

पै पड़ोसियों के बारह  


भरोसा पर उठते सवाल

भरोसा नहीं था दिखावा

समय रहते पता हकीकत 

भरोसे चक्कर नहीं कहीं 


भरोसा एक सब उठा

बारह अपनो के चेहरे 

पै पड़ोसियों के बारह  


हर राज जाहिर नहीं

थोड़ी बरती सावधानी 

विश्वास भीतर अविश्वास

यहीं आता सब काम 


भरोसा एक सब उठा

बारह अपनो के चेहरे 

पै पड़ोसियों के बारह  


भरोसा काबिल भोरोसे 

थोड़ी रखता सोच समझ 

उठने से पहले भरोसेमंद

विचार जरूरी विमर्श 


भरोसा एक सब उठा

बारह अपनो के चेहरे 

पै पड़ोसियों के बारह  


एक दिन सबको उठना

जरा सी बात उठ जाना

रामभरोसे निष्ठा भरोसे 


भरोसा एक सब उठा

बारह अपनो के चेहरे 

पै पड़ोसियों के बारह  


किसी पे नहीं भरोसा 

जिसके रहते भरोसे 

उसी को नहीं भरोसा 


भरोसा एक सब उठा

बारह अपनो के चेहरे 

पै पड़ोसियों के बारह  


घात छोटी विश्वास 

भरोसे ने हमे छोड़ा

भरोसे का भी नहीं

नहीं छोड़ेंगे कहीं 


भरोसा एक सब उठा

बारह अपनो के चेहरे 

पै पड़ोसियों के बारह।


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