भक्ति में वह शक्ति
भक्ति में वह शक्ति
कहते भक्ति में वह शक्ति, जो तभी जागृत होती है,
जब पाप का घड़ा भरें, सच में यही नियम है बना।
पाप का घड़ा भरने का, तब तक कुछ नहीं करना,
चाहे कोई पूरा तबाह हो, पाप का घड़ा भरें ज़रूरी।
पाप का घड़ा भरना सही, तब तक ईश्वर जागे नहीं,
हर युग में निर्दोष मर गए, पाप का घड़ा भरने तलक़।
मुझे नास्तिक नहीं समझें, पर ये आस्तिक क्यूँ भुगते,
ईश्वर के घर देर अंधेर नहीं, देर से आने तक सब ख़त्म।
हमने भी बहुत पूजा की है, बहुत सारे व्रत पूरे किए है,
क्या फ़ायदा भक्ति का, सब ख़त्म जब तक फल मिला।