भारत माता की जय बोलो
भारत माता की जय बोलो
शस्य श्यामला अपनी इस भूमि का वंदन सदा विजय बोलो
शोणित ने सींचा जिस धरती को उसका अभिनन्दन अजय बोलो
सबको पोषित करने वाली स्वर्ग से सुंदर अपनी यह वसुधा
आ जाओ सब मिलकर के भारत माता की जय बोलो
पावन अवध की धरा यहीं है जहाँ मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम हुए
धर्मध्वजा फहराने वनवास किया सकल मनोरथ कोटि निष्काम हुए
रामराज्य भी हुआ यहीं पर पूरण सबके सब ही काम हुए
कृपासिंधु जन जन के तारक घट घट वासी सबके तीरथ धाम हुए
लंका में भी बजा था डंका प्रभु हुए थे दिग्विजय बोलो
आ जाओ सब मिलकर के भारत माता की जय बोलो
इतिहास हमारा अमर रहा है जीवंत यहाँ अब भी बलिदान है
महाराणा हो या वीर शिवाजी देवतुल्य हमारे कीर्तिमान है
भगतसिंह झाँसी की रानी नेताजी जैसे वीर हमारे अभिमान है
सीमाओं को रक्षित करने वीर यहाँ हँसकर होते कुर्बान हैं
तलवारों में प्रगट होती भवानी बल देते महामृत्युंजय बोलो
आ जाओ सब मिलकर के भारत माता की जय बोलो।
