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Phool Singh

Inspirational

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Phool Singh

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भारत भूमि

भारत भूमि

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राम, कृष्ण जहां बुध भी जन्मे, वो मेरी है मातृभूमि 

भीम, सुभाष और भगत की पूजा, जवाहर, गाँधी की कर्म भूमि||


अहिंसा, प्रेम का धर्म बताती, कण-कण जिसके सेवा भरी 

पवित्र भूमि है वो कहलाती, देवी, साधू-संतों संग अवतार धरी||


खलबली मचती शत्रु दल में, जब वीरों ने इसके हुंकार भरी 

आकाश, पाताल से ढूंढ निकाले, गलत नियत है जिसकी पड़ी||


अतिथि बनकर आए देश में, देवों जैसी सेवा मिली 

शीश कटा सकते है लेकिन, मेहमानवाजी में न होगी कमी||


शत्रु बनकर आए कभी तो, धड़ से गर्दन साफ मिली 

दाहसंस्कार को तरसे आत्मा, काल को देते उसकी बलि||


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