भारत: अंदर से मज़बूत
भारत: अंदर से मज़बूत
भारत : अंदर से मजबूत
जिस भारत को वीर जवान
सरहदों से बचा रहे हैं
तोप मे भरे बारुद के गोले
यूं दुश्मन को ललकार रहे हैं,
सीना तान कर अपने लहू से
जो सींच रहे हैं आज़ादी को
उस वीर सैनिक को प्रणाम
जो तैयार है हर कुर्बानी को,
आओ हम भी लें एक ठोस प्रण
भारत को रखेंगे अंदर से एक
धर्म, जाति या कोई समुदाय
कभी विभाजित ना कर पाए,
ना रोष, दोष ना हिंसा फैले
हर जन मीठी वाणी बोले
देश हित बन जाए सर्वोपरि
मिट जाए जन जन की दूरी,
अपने ज्ञान का लाभ उठाएं
देश हित में हाथ बटाएं
करे निर्माण नए भारत का
जो पूरी दुनियां में नाम कमाएं।