Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Deep Mathpal

Romance

3  

Deep Mathpal

Romance

बेवफ़ाई

बेवफ़ाई

1 min
372


सिसकियों से शब्द होंगे

होगी आँसुओं की स्याही

जज़्बात ए क़लम से लिखूंगा

तेरा किस्सा ए बेवफ़ाई।


तू नहीं तेरी रूह का ज़र्रा

ज़र्रा रोयेगा

कुछ पाने से पहले ही तू

सब कुछ खोएगा

दरिया से प्यास शायद

मिट गई थी तेरी जो तूने

अक्सर आना छोड़ दिया।


कुछ ऐसा लिख दूँगा ए बेवफ़ा

जो ताउम्र तू आँसू ए दरिया में

रोयेगा।


हिज़्र से ख़ाक फर्क नहीं पड़ता

मुझे बस तन्हाई थोड़ा खल सी

जाती है जो वक़्त किसी की

आँखों मैं खो जाता था उस वक़्त

में अब चैन की नींद आती है।


दिल मायूस सा रहता था अब

मैंने जिंदादिली सीखा दी उसे

हर वक़्त रट इश्क़ की लगाए

बैठा था मैंने इश्क़ मैं बुज़दिली

बता दी उसे।


आकर वक़्त अब पूछता है क्यों

तू मुझे ज़ाया करता था हर पल

को उसमें उसको हर पल मैं जिया

करता था मैं हँस के बस यूँ कह

देता हूँ जिसे तू जीना समझ रहा

था वहाँ तो मैं घुट घुट के मरता था

मैं परिंदा तो था पर उड़ने को

तड़पता था

तू उन बीते पलों की कहता है

अरे मेरा तो आने वाला हर कल

तड़पता था।


Rate this content
Log in

More hindi poem from Deep Mathpal

Similar hindi poem from Romance