बेटी का जन्म
बेटी का जन्म
बेटी वो वरदान ईश्वर का
नहीं जिसका कोई सानी
पाती जन्म जिस पल
करती जीव
माँ बाप का सफल
सब कहते लछमी आयी
भाग्य लायी
लाती खुशियाँ जो घरभर में
चहकती, महकती,दमकती
छनकाती पायल जो आँगन में
देती वो मधुर बंधन
भाई को बहन मिलती
कलाई को राखी मिलती
बंधन होता है बड़ा निर्मल
रखती ध्यान माँ बाप का
बड़ी हो के वो हर पल
माँ बाप भाई की लाडली
बनती एक दिन दुल्हन
विदा करते सभी उसको
जिसे पाला था नाजों से
आँखों में आंसू लिए
सबको आंसू दिए
विदा होती वो जिस पल
छाती उस घर में उदासी
जो घर गुंजीत था
जिसकी पायल की रुनझुन से
बनती रौनक दूसरे घर की
अपनाती खुशी से उस घर को
एक अनजान रस्ते पे बढ़ती
इस तरह जैसे पहचान बरसों से
करती खुशहाल उस घर को
बनती दो घरों की इज्जत
इसलिए बेटी का जन्म होना
किस्मत की बात होना
जज्बों की सौगात होना।