बेटी हूँ एक दिन
बेटी हूँ एक दिन
आज हूँ नन्ही सी
कल बड़ी हो जाऊँगी
हाँ एक दिन अपनी
अलग पहचान बनाऊँगी
पापा की परी हूँ मैं
मम्मी की हूँ दुलारी
हाँ चाचा की हूँ मैं गुड़िया
हाँ एक दिन बड़ी हो जाऊँगी
पढ़कर लिखकर जग में
अपनी एक अलग
पहचान बनाऊँगी
हौसलों की उड़ान भर
सपने करुँगी पूरी मैं
हाँ मैं बेटी हूँ एक दिन
कुल का नाम रोशन करुँगी।
