बेशक चले जाओ तुम
बेशक चले जाओ तुम
बेशक चले जाओ तुम जिंदगी से
मुड़ कर भी न देखना तुम
हो सके तो सपनों में भी
कभी ना आना तुम
यही हो सकता है मुकद्दर का फैसला
भूल जाओ सबकुछ गिला शिकवा
तेरा है ना मेरा है घरवालों का है कहना
साथ नहीं हैं तो क्या हुआ सदा खुश रहना
प्यार तो भगवान का दूसरा रूप है
प्यार एक तहज़ीब है जीने की
प्यार हकीक़त होती है सपना नहीं
प्यार कभी टूटता नहीं झुकता नहीं
लेकिन इतना याद रखना हमेशा
कोई मिल गया था अनजान राहों पर
भूल कर कभी ना भूलना तुम्हें है जीना
फिर से जिंदगानी को हैं सवारना
स्वर्ग है बनाना