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AVNINDRA KUMAR SHUKLA

Abstract Inspirational

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AVNINDRA KUMAR SHUKLA

Abstract Inspirational

"बदलना' तय है !

"बदलना' तय है !

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बिना कहे जो सब कुछ कह जाते हैं,

बिना कसूर के जो सब कुछ सह जाते हैं,

दूर रह कर भी अपना फर्ज निभाते हैं

असल में वही रिश्ते सच में अपने कहलाते हैं ll


ज़िंदगी भी उसी को आज़माती है,

जो हर मोड़ पर चलना जानता है।

कुछ पाकर तो हर कोई मुस्कुरा लेता है,

ज़िंदगी तो उसी की होती है

जो सब कुछ खोकर भी मुस्कुराना जानता है।।


''माना कि "बदलना' तय है ! 

हर चीज़ का.. इस संसार में..

सतत करते रहें प्रयास और कर्म अच्छे करें..

किसी का जीवन बदलेगा

किसी का 'दिल' बदलेगा, तो.. किसी के 'दिन' बदलेंगे।।


क्योंकि मनुष्य की कमज़ोरी और ताकत के बीच.......

अंतर सिर्फ उसके विश्वास का होता है!

खुद पे विश्वास हो तो......!

हर कमजोरी भी ताकत बन जाती है....।।


जब तक ज़िन्दगी पटरी पर चलती है ,

तब सोचते हैं कि हम कुशल चालक हैं।

लेकिन जब पटरी से उतरती है....

तो सच सामने आता है कि.....

ज़िन्दगी कोई और ही चला रहा है।।


तो फिर किस बात का गुरूर...

जब रीते हाथों आये और.... 

हथेलियाँ पसारकर है जाना...

यूँ भी खूबसूरती तो हमेशा, दिल और जमीर में होती है...!

हम बेवजह उसे, शक्ल और कपड़ों में टटोलते हैं....।


लगता था जिन्दगी को...

बदलने में वक्त लगेगा.....

पर क्या पता था......

बदला हुआ वक्त.....

जिन्दगी बदल देगा.....!


चलो जिन्दगी को एक खुशनुमा मोड़ देते हैं,

आँचल में थोड़ी खुशियों की धूप समेटते हैं।

प्यार भरे कुछ खट्टे-मीठे बोल बोलते हैं,

दिल की तंग गलियाँ खोलकर.....

अपनेपन के खूबसूरत अहसासों में....

 लिपटी रजत चाँदनी बिखेरते हैं ......।।



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