बदला
बदला
तुम्हारे
आने
की
प्रतीक्षा
करता
रहा
इस
बीच
में
ना
जाने
कितने
लोग
आए
मै
तुम्हारे
खातिर
सबको
छोड़
दिया
तुम
ना
आई
मै
तुम्हे
पा
न
सका
तुम्हारे
लिए
अनेकों
को
छोड़
दिया
तुमने
मुझे
कहीं
का
ना
छोड़ा
तुमने
मुझे
किसी
का
होने
नहीं
दिया
तुम
प्रेम
थी
मेरी
फिर
ये
कैसा
बदला
तूने
लिया।