STORYMIRROR

Shivali Singh

Inspirational

4  

Shivali Singh

Inspirational

बढ़ते कदम

बढ़ते कदम

2 mins
388

सत्यनिष्ठता से आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ते कदम।

बुद्धि, बल, विवेक को साधते मेहनती कदम।

आत्मीयता से परिपूर्ण आनंदित कदम ।

सविनय, वरिष्ठता की ओर बढ़ते आसक्त कदम।।


कदम जिनका प्रहरी हिमालय,

जिन कदमों को पखारती गंगा।

कदम जिनका रक्षक शिवालय,

जिन कदमों को तारती वसुध।

आत्मविभोर हृदय से, उठ चुके मादक कदम।

सत्यनिष्ठता से आत्मनिर्भरता की ओर

बढ़ते कदम।।


कदम, जिनकी चाल है प्रबल,

जिन कदमों को संवारती शिक्षा।

कदम, जिनकी दिशा है अविरल,

जिन कदमों को निखरती दीक्षा।

आधुनिक सोच भरे, गगनचुंभी कदम ।

सत्यनिष्ठता से आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ते कदम।।


कदम, जिनको जोड़ती एकता,

जिन कदमों को संभालती जागरूकता।

कदम, जिनकी अखंड यात्रा

जिन कदमों की शक्ति मात्रा।

नर नारी के एक साथ उठे, सशक्त कदम।

सत्यनिष्ठता से आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ते कदम।।


कदम, जिनको  रोक न सके अंधेरा

जिन कदमों से प्रकाशित सवेरा।

कदम, जिनकी  निडर आराधना

जिन कदमों की सुसज्जित आत्मचेतना।

बाधाओं को भेदते, अविलंभित कदम।

सत्यनिष्ठता से आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ते कदम ।।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational