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Dr Razi Ahmed

Drama

3.0  

Dr Razi Ahmed

Drama

बारिश और यादें

बारिश और यादें

1 min
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बारिश की इन बूंदों में

कुछ तो शरारत है

छूतीं हैं मुझको

पर मेरा दिल भिगोती हैं

क्यूँ दे जाती हैं तुम्हारी

कुछ यादें तोहफ़े में ,

जो फिर सदियों मेरे

सपनों में होती हैं।

थक कर हार जाता हूँ

जब दिनों से लड़ कर मैं ,

राहतें तुम्हारे सुकून की

शामों में होती हैं।

कुछ वक़्त गुज़ारा था

तुम्हारे प्यार के साए में मैंने

अब भी कुछ बेख़बर सी

नींदें उन्हीं छावों में होती हैं

बारिश की इन बूंदों में

कुछ तो शरारत है

छूती हैं मुझको

पर मेरा दिल भिगोती हैं.


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