बापू
बापू
स्वदेश का मान थे बापू, शान्ति के पुजारी थे बापू
अहिंसा के प्रतीक थे बापू, सत्य की मूर्ति थे बापू
विश्व मानव थे बापू, रामराज्य के समर्थक थे बापू
सत्य के द्योतक थे बापू, क्षमा के प्रवर्तक थे बापू
पोरबन्दर में जन्मे बापू, मात-पिता के आज्ञाकारी बापू
पढाई छोडी, नौकरी छोडी जन ने, बापू के आह्वान पर
कूद पडे आज़ादी की लडाई में, बापू के आह्वान पर
बहिष्कार किया विदेशी वस्त्रॊं का, किया प्रचलन खादी का
भाईचारे का संदेश दिया, सत्याग्रह का पाठ पढाया
स्वच्छता का मार्ग दिखाया, अनहोनी को होनी बनाया
जातिवाद का विरोध किया, छुआछूत को दूर भगाया
“उच्च विचार सादा जीवन” का महान संदेश दिया
सत्य, अहिंसा के शस्त्र से, नाकों चने चबवाये
नींव हिलाई हुकुमत की, भारत को आज़ाद कराया
गांधी केवल नाम नहीं, एक जीवन दर्शन है ये
निशां रहेंगे उनके सदा, जब तक रहेगी सृष्टि ये
स्वदेश का मान थे बापू, शान्ति के पुजारी थे बापू।