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Kanchan Jharkhande

Abstract

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Kanchan Jharkhande

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बाल मजदूरी विरोध

बाल मजदूरी विरोध

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नन्ही सी जान हूँ फिर भी 

जिम्मेदारी से घिरा हुआ...

खेलूँ कुदूँ औरों संग ऐसी कहाँ

मेरी दशा...

रोक लगाओ बाल मजदूरी...

सिसक-सिसक के बोल रही...

पड़ने की उम्र हमारी फिर क्यों

है बाल मजदूरी.... 

मासूम पुकारे ये सब दूर करो

हाँ

मासूम पुकारे ये सब दूर करो

हाँ

मिलकर विरोध करो और 

हमको तो आज़ाद करो....


भूख प्यास की है मजबूरी...

कैसे बताऊँ मेरी व्यथा....

कैसे करूँ आज़ाद मैं ख़ुद को

ऐ दुनियां तू ही बता...

रोक लगाओ बाल मजदूरी...

सिसक-सिसक के बोल रही...

पड़ने की उम्र हमारी फिर क्यों

है बाल मजदूरी.... 

मासूम पुकारे ये सब दूर करो

हाँ

मासूम पुकारे ये सब दूर करो

हाँ

मिलकर विरोध करो और 

हमको तो आज़ाद करो!



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