अटल श्रद्धांजलि
अटल श्रद्धांजलि
मन को क्लांत कर के वो एक योद्धा गया है,
राजनीति का पितामह,एक पुरोधा गया है।।
राष्ट्रीय आशाओं के ज्योति का एक जेता गया है,
जो गया है सचमुच एक नेता गया है।।
वाणी में उसके ओज, मन में कैसी निश्छलता थी,
राजनैतिक कीच में भी रही कमल सी तरलता थी।।
विचारों का तेजस्वी, कलम से एक कवि गया है,
जो गया है वो पोखरण का एटमी रवि गया है।।
शत शत नमन उसे, वो जो देश का बल था,
विशिष्ट विचारों का, ह्रदयसम्राट संबल था।।
दौर-ए-हिस्सेदारी में भी जो हर हिस्से का रहा,वो गया है,
इस लोकतंत्र का वो बूढा स्तम्भ, मानो खो गया है...।।