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noorie adi

Romance

2  

noorie adi

Romance

असर

असर

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ए सखी क्यों तू इतना मुस्कुरा रही है। 

 किसके लिए इतना सज रही है।    

 क्यों तेरी धड़कनें इतनी तेज हो रही है।

 किसको ले कर तू इतने सपने संजो रही है।            

कोन है वो जिसके लिए तू गुलाब हो रही है।            

अपनी बेचैनी मुझसे छुपा रही है।       

जानती हु मै प्यार का दिवस आने वाला है।            

पर जरूरी नही ये तुझे तेरे प्यार से मिलाने वाला है।      

अपनी संस्कृति में ये मां बाप की इज्जत लुटा

कुछ तो समझ पाश्चात्य संस्कृति की देन हमको बर्बाद करने वाला है।


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