STORYMIRROR

Neeraj Agarwal

Classics Fantasy Inspirational

4  

Neeraj Agarwal

Classics Fantasy Inspirational

अप्रैलफूल .......एक मंथन

अप्रैलफूल .......एक मंथन

1 min
375

फूल खिले मन के अप्रैल में,

बस कहो पा रहे हो फूल।

हमें कभी नहीं लगे,

कुदरत के प्रतिकुल।


सब प्रकृति के अनुकूल,

हाँ सोचे भूल।

फूलों से लदें वृक्षारोपण,

महके डाली पूरी दुनिया को फूल।।


हम लोगो ने भूला दियो

यही हम सबकी भूल।

फूल फूल समझे हुए हैं,

हम बन बैठे अप्रैल फूल।।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Classics