अपने आप को कहीं भूल गए …
अपने आप को कहीं भूल गए …
छोटी सी टॉफी से ब्लैक कॉफ़ी के बीच में
बचपन के सुहाने दिन बीत गए !
व्यापार के खेल से ज़िन्दगी के व्यापार में
न जाने कितने सौदे हो गए !
मोगली से स्टार वार्स के सफर में
छोटी बातों में मज़ा लेना भूल गए !
बर्थडे के समोसे से ५-स्टार पार्टियों में
न जाने कौन सी धुन में खो गए !
नर्सरी राइम्स से नॉवेल पढ़ने में
न जाने कितने किरदार छूट गए !
पकड़ा-पकड़ी खेलने से ट्रैन पकड़ने के बीच
न जाने ज़िन्दगी के कितने स्टेशन छूट गए !
सायकल चलाने से मर्सिडीस में बैठने में
अपनों के रास्ते दूर हो गए !
वो उछल-कूद से ऑफ़िस में घंटों बैठने में
अपने आप को ही भूल गए !
लैंडलाइन पर मिस्ड कॉल के इशारों से
फ़ोन पर कही बातों में
हम अपनों को समझना ही भूल गए !
फ़ोन पर घंटो बातें करने से
"बिज़ी, कॉल यू बैक लेटर" में
न जाने कितने व्यस्त हो गए !
बारिश में नाव बनाने से भीगने से बचने में
हम बारिश का मज़ा लेना ही भूल गए !
दिए जलाने से रंगों से बचने में
हम त्योहारों के असली रंग ही भूल गए !
मम्मी की कहानियों और कलीग के फ़्रस्ट्रेशन में
हम सारी अच्छी सीख ही शायद भूल गए !
पापा की डाँट, टीचर की फटकार से बॉस की इंसल्ट में
अपनी पहचान और उसके पीछे के हाथ ही भूल गए !
घर पर मिलने से सोशल मीडिया में डूबने में
अपनों के घर ही शायद भूल गए !
झूठ-मूठ के सोने में और एक्स्ट्रा काम करने में
हम चैन से सोना ही भूल गए !
वो स्टैंडिंग लाइन से सिग्नेचर सिखने के सफर में
अपनी हैंडराइटिंग ही भूल गए !
पढ़कर बड़ा होने से लोगों को साबित करने में
अपने आप से प्यार करना ही भूल गए !
कट्टी से अनफ्रेंड करने में
कई दोस्त छूट गए !
रूठने से पीछे मुड़कर न देखने में
न जाने कितने रिश्ते टूट गए !
उन शरारतों से डिसिप्लिन और स्टेटस के सफर में
अपना बचपना ही भूल गए !
दिल से मुस्कुराने से फेक स्माइल में
खुलकर हँसना ही भूल गए !
लव लेटर्स भेजने से एमोजिस के एक्सप्रेशन में
प्यार के इज़हार भी छोटे हो गए !
एक झलक के लिए तड़पने से फिर मिलेंगे में
कितने अरसे बीत गए !
भाई-बहन के झगड़ों से दूर शहरों में रहने में
उनका हाल चाल पूछना भूल गए !
हर रोज़ मिलते दोस्तों से "हाय, वॉट्सप?" में
उनको देखे सालों हो गए !
हर पल मौज करने से कल की फ़िक्र में
हम उस वक़्त को उसी वक़्त में जीना भूल गए !
अपना बचपन छोड़कर बड़े होने की रेस में
हम अपने आप को ही कहीं भूल गए !