अनुपम व्यक्तित्व
अनुपम व्यक्तित्व
सादगी उनके चहेरे पर अच्छी लगती
आंखों में थोडी नमी सी रहती..
होठों पें हंमेशा मुश्कान सजती..
उन्हें देखकर मन श्रद्धा से भर जाता
आंखो में आंखे डालकर बात करने का
वो निराला अंदाज...
सबको अपनी और खिचता..
निराला स्वभाव..
उनके साथ पल दो पल
बिताने मिल जाते
वो
पल दो फल
कब हमारी जिंदगी बन गये
कब वो उतने पास आ गयें
समज ही नहीं आया..
और हम
खुद ब खुद संमोहन सी अवस्था लिए
उनके अनुपम व्यक्तित्व के दिवाने हो गयें।।
अब वो है
हम है
और हमारी किस्मत।।
