अनुभूतियां
अनुभूतियां
अनुभूति
जो
अंदर
से पैदा
होती है
वह
अनुभूति
अगर
सुख
का है
खुशी
का है
आनंद
का है
तो
यह
इतना
प्रकृतिक
होता
है की
आत्मा
प्रफुल्लित
हो
जाती है
और
अगर
दुख
का है
तो
रोम-रोम
दुख
के मारे
तड़प
उठता है
भाग्यशाली
होता है
वो
जो
सुख की
अनुभूति
करता है।