अन्तर्मन में आओ
अन्तर्मन में आओ
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द्वार खोलकर अन्तर्मन के भीतर तुम आ जाओ
मन रूपी सागर की तुम गहराई में गोते लगाओ
सत्य आत्मा का अनुभव तुम्हें सहज हो जाएगा
स्थिर होगा जीवन मन का भटकना रुक जाएगा
श्रेष्ठ संकल्पों के जन्म से आत्मशुद्धि हो जाएगी
पाँच विकारों के बंधन से मुक्ति भी मिल जाएगी
परमात्मा की कृपा दृष्टि तुम पर बरसती जाएगी
भाग्य लिखने की कलम भी हाथों में आ जाएगी
आओ अपने ही अन्तर्मन में हम प्रवेश कर जाएं
सत्य स्वरूप में स्थिर होकर जीवन सुन्दर बनाएं।