STORYMIRROR

Sacchidanand Jha

Abstract

3  

Sacchidanand Jha

Abstract

अंतरिक्ष की यात्रा

अंतरिक्ष की यात्रा

1 min
538

कल्पना करें

अंतरिक्ष की यात्रा

कर पाने की।


प्रकाश वाली

गति हो स्वतः यात्रा

पर जाने की।


नभ विस्तार

चौरानवे अरब

प्रकाश वर्ष।


इसकी त्रिज्या

सैंतालीस अरब

प्रकाश वर्ष।


अंतरिक्ष को

ही सिकोड़ दो वार्म

होल विधि से।


गन्तव्य का ही

भ्रमण हो ड्राइव

वार्प विधि से।


अंतरिक्ष तो

सिकुड़ता फैलता

मुड़ सकता।


इनफिनिट

ऊर्जा से सिकुड़ता

फैल सकता।


गति प्रकाश

सेकण्ड तीन लाख

किलोमीटर।


इस गति से

यात्रा कर पाना है

अति दुष्कर।


फोटॉन झुण्ड

प्रकाश द्रव्यमान

होता है शून्य।


ना कोई वस्तु 

जिसका द्रव्यमान

होता है शून्य।


प्रकाश गति

वाली यान से यात्रा

कर पायेंगे।


अस्सी की उम्र

चार हजार वर्ष

बीत जायेंगे।


चार हजार

प्रकाश वर्ष ही तो

दूर जायेंगे।


बढ़ानी होगी

उम्र तभी तो यात्रा

कर पायेंगे।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract