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Jyoti Khari

Inspirational

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Jyoti Khari

Inspirational

अनोखा दीपक हम ख़ुद में जलाएं

अनोखा दीपक हम ख़ुद में जलाएं

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चलो खुद के अंदर आज हम एक दीपक जलाएँ….

चलो खुद के अंदर…

आज हम एक दीपक जलाएं,

अपने अंदर बसे अंधकार को प्रज्वलित लौ से मिटाएं।

मनुष्यता का धर्म हम कुछ तो अपनाएं…

सिर्फ मर्यादा पुरुषोत्तम राम की आने की खुशी में हम इस पर्व को ना बनाएं।

कुछ उनके आदर्शों को भी ग्रहण करें हम…

आदर्श पुरुषों की भांति सफल करें अपना जन्म।

सारे मन के भेद मिटाकर श्रेष्ठ कर्म करें…

दया भाव जीवन में भरकर,

अडिग हमारा धर्म रहे।

दूजे की तकलीफों में…

नयन में अश्रु धारा भी हो।

जब मानवता का पतन हो…

प्रचंड,विकराल रूप धारण कर लो,

मन में ऐसी ज्वाला भी हो।

सच्चे भाव हो अंतर्मन में…

निज कर्मों से पाएं प्रशस्ति जन-जन में।

हम धीर भी हों…

शौर्य भी हो,

हम अद्भुत वीर भी हों।

चलो खुद के अंदर…

आज हम एक दीपक जलाएं,

अपने अंदर बसे अंधकार को प्रज्वलित लौ से मिटाएं।

अन्याय होने पर…

अधर पर ना धारण करना तुम मौन,

याद करेगी फिर यह दुनिया भी…

न्याय रक्षा हेतु खड़ा है वह प्राणी कौन।

दीपावली पर घर- घर में उत्साह हो…

जीवन भर बस नेकी की राह हो।

दीपावली पर हम पूजते हैं लक्ष्मी गणेश को, मर्यादा पुरुषोत्तम राम को याद करते हैं –

चलो इनसे कुछ सीख कर…

आशाओं की रेखा खींच कर।

आज निश्चय करके हम सभी एक दीप खुद में जला लें…

इस सोए हुए संसार को हम फिर से जगा लें।

इस दीपावली पर हम –

अपने अंदर के अंधकार को मिटाकर…

सोई हुई ज्योति को जगाकर।

हम यह पर्व कुछ इस तरह मना लें…

इस दीपावली हम एक अनोखा दिया खुद में जला लें।


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