अंजाम
अंजाम
अंजाम ने दुख दिया है वरना यादें तो हसीन हैं
यादों के गलियारों में सिर्फ आप ज़हनसीब हैं।
हंसी जो गूंजती है आपकी फिज़ाओं में
आप ही आप बस मेरी रज़ाओं में हैं।
ये शायर शायरी करे, या आपको सोचता फिरे?
बता दो आप ही उसको- किसे वो खोजता फिरे?
बड़े दिन गुज़र गए आपसे बात न हुई,
बड़े दिन गुज़र गए के दिन को रात न हुई,
ज़मीं तो तर हुई मगर बरसात न हुई,
नदी जो बह चली है पर नौका साथ न हुई।
अंजाम ने दुख दिया है वरना यादें तो हसीन हैं
यादों के गलियारों में सिर्फ आप ज़हनसीब हैं।