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Nikhil Srivastava

Abstract

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Nikhil Srivastava

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अंधेरा

अंधेरा

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मैं तो अंधेरे में रहूंगा

अंधेरा ही मेरा घर होगा

अंधेरा ही मेरी पहचान

रोशनी की टोह भी मुझ तक न पहुंचेगी

अंधेरा ही मेरा समर होगा

अंधेरा ही मेरा घर होगा

मुझे सहारे में सिर्फ अंधेरा चाहिए

मुझे तोहफे में भी अंधेरा चाहिए

उजाले से मुझे क्या ही मिलेगा

मैं तो अंधेरे में बना हूं

उसी में पैदा हुआ

उसी में दफन हो जाऊंगा

अंधेरा ही मेरा समर होगा

अंधेरा ही मेरा घर होगा।


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