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अँग्रेज़ी मजबूरी

अँग्रेज़ी मजबूरी

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अंग्रेज़ी मजबूरी तो स्वाभिमान है हिन्दी,

भारत के जन जन पहचान है हिन्दी,

पंत, निराला भूषण के प्राण है हिन्दी,

आत्मा ही नही ब्रह्म के मर्म का ज्ञान है हिन्दी।


विश्व मे भारत की पहचान है हिन्दी,

मुक्तिबोध, अज्ञेय का संज्ञान है हिन्दी,

बोस, भगत और सावरकर की ज्वाला है हिन्दी,

भीलनी के राम का प्रेम है हिन्दी,

कृष्ण के ज्ञान का भंडार है हिन्दी।


बेटी ही सही संस्कृत की भाष्य पहचान है हिन्दी,

शांति और आत्मबोध का ज्ञान है हिन्दी,

अंग्रेज़ो भारत छोड़ो की ताल है,

हिन्दी इस माटी मे मिले रक्तकण की डाल है हिन्दी।


प्रेमचंद की पंचतंत्र का बोल है हिन्दी,

अमूल्य किलकारी का झोल है हिन्दी,

देसी से खड़ी हुई दिलों मे बसी हुई एक डोर है हिन्दी !

विश्व पटल एक छोर से दूसरे छोर पर है हिन्दी।


हर भारतवासी की पहचान है हिन्दी,

भारत के जन जन की पहचान है हिन्दी,

अँग्रेज़ी मजबूरी तो स्वाभिमान है हिन्दी।


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