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रोहिताश्व मिश्रा

Drama Romance

5.0  

रोहिताश्व मिश्रा

Drama Romance

अंधेरी यादें हैं

अंधेरी यादें हैं

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270


ढलता  सूरज  और  अँधेरी  यादें  हैं।

जाते  जाते  वक़्त  तो  लेंगी  यादें  हैं।


बाक़ी तसव्वुर  मेरे  ज़ेहन में पलते हैं,

दिल में तो  बस उस लड़की की यादें हैं।


दुनिया तो इक ज़हर के प्याले जैसी है,

शुक्र है मुझ में ही कुछ मीठी यादें हैं।


मिलना-विलना, दि

ल का लगाना पहले है,

आख़िर में तो सिर्फ़ उसी की यादें हैं।


मेरे हर इक शेर का मर्कज़ जानते हो !

वो जो उसकी बिखरी-बिखरी यादें हैं।


मयख़ाने में कुछ भी नहीं है मय जैसा,

मुझ में ही कुछ शोख़ गुलाबी यादें हैं।


मेरा पहला इश्क़ उसी की 'रौनक़' थी,

पहले सफ़हे  पर बस उसकी यादें हैं।


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