अब तुझे चाहने लगा हूँ
अब तुझे चाहने लगा हूँ
सोच ना पाऊँ कोई दिन की सुभा तेरे बिना,
रह ना पाऊँ एक दिन भी तुझे देखे बिना हैं,
हवाएं जो तेरी जुल्फों को आहिस्ता से सहलाती हैं,
वही हवा और खुशबू मुझे तेरी ओर खींच लायी हैं,
तेरे साथ में समय का हिसाब नहीं रहता,
तुम और मैं एक हैं इस बात का तुझे एहसास नहीं रहता.
तेरी सूहनी बातों में खोने सा लगा हूं,
उनमे अब थोड़ा बेहेने सा लगा हूं,
अब तेरी इन नैनों में कैद सा हो गया हूं,
मेरी इन आंखों में एक दफा देख ले ज़रा,
यह वो सब कह जाती हैं तुझसे
जो मैंने बयान करना चाहूं तेरे लिए,
इनमें तुझसे रूबरू होने की खुशी,
और फिर मिलने की चाहत जहीर करता हूं
तेरे साथ बिताय हर पल के मेरे दिल हैं मेरे दिल के सबसे करीब ,
रात की दस्तक के साथ उन पलों को समेटे हुए,
अब चेन की नींद ले रहा हूं,
अभी तुझसे अलविदा नहीं कह रहा हूं,
सिर्फ दुबारा मिलने की आस लगाय बैठा हूं,
क्योंकि तू फिर मेरे सपनों में आज रात मिलेगी।