आज़ादी
आज़ादी
आज़ाद हुए देश को अपने सत्तर साल हो गुज़रा है
फ़िर भी गुलामी की जंजीरों में देशवासी करते मुजरा हैं !
गरीबी और बेरोज़गारी ने देश का खस्ता हाल किया है
घूसखोरों और लूटमारों ने जीना सबका मुहाल किया है !
राम राज्य का स्वप्न लिए विभाजित हुआ था यह देश
राज्य का तो पता नहीं, राम मंदिर ने जान लिया है !
चौरासी की बात हो या बेरानवे के दंगों की
मार काट और नरसंहार में हमारा ही नुकसान हुआ है !
अंग्रेज़ों को धूल चटा आज़ादी हमने पाई थी
हिंदू-मुस्लिम-सिख-ईसाई सबने जान गँवाई थी !
क्यों उलझे हैं मंदिर-मस्जिद में हम इतने सालों से
जरूरत नहीं उस ऊपरवाले को, हम जैसे रखवालों की !
मै और वो के चक्कर में बाँट रहे कुछ लोग हमें
हम बनकर जवाब देने का, यारों वक़्त अब आ गया है !
विषय बहुत है देश में अपने जिससे हमें आज़ाद होना है
बेटियों को सुरक्षित समाज मिले कुछ ऐसा कर दिखाना है !
ऐसा नहीं कि देश अपना अभी तक इतना पिछड़ा है
हर वर्ग में हम आगे हैं बस शिक्षा प्रणाली बिगड़ी है !
आज़ादी लेकर अंग्रेज़ों से हमने, उनकी ही शिक्षा प्रणाली अपनाई
नई सोच और समझ को हमने तोते में परिवर्तित करवाई !
विकास की धारा से धीरे-धीरे जुड़ रहा है यह देश
मिलकर हम साथ रहे तो और खूबसूरत हो जाएगा स्वदेश !