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Pratibha Mahi

Inspirational

4.8  

Pratibha Mahi

Inspirational

आज़ादी

आज़ादी

2 mins
216




आज़ादी हम ले आये हैं 

आज़ादी का मान करो।

भारत माता का प्यारों अब 

तुम सब मिलकर ध्यान धरो।


आज़ादी की ख़ातिर हमने 

क्या क्या पापड़ बेले हैं।

बेड़ी माँ की कटवाने को 

खून से होली खेले हैं।


याद सदा तुम रखना यारों

माँ ने बेटों को खो कर।

पौध लगाई है उल्फत की 

वीर शहीदों को बो कर।


सहरा बाँध कफ़न का सिर पर 

सीना ताने रहते वो।

आज भी यारों प्रहरी बन कर 

रोज फ़साने कहते वो।


याद करो वो तीन लाड़ले 

जो शत्रु को खटक गए।

एक न मानी अंग्रेजों की 

हँसते हँसते लटक गए।


भारत माँ की गाथायें गा 

पीर सभी सह जाते थे।

देख फिरंगी उनके करतब 

भौचक्के रह जाते थे।


ऐसे वीर शहीदों का तुम

शीश झुका सम्मान करो

आज़ादी हम ले आये हैं 

आज़ादी का मान करो।


झाँसी की रानी का किस्सा

तुम को और बताते हैं।

लक्ष्मीबाई की सखियों से

तुम को आज मिलाते हैं।


मुँह बोली नाना की बहना

अदभुत छैल छबीली थी।

नाना संग पढ़ी थी रानी

नाना के संग खेली थी।


मात पिता की गुड़िया रानी

बस सन्तान अकेली थी।

बरछी ढाल कृपाण कटारी 

उसकी सखी सहेली थी।


छक्के छूट गये दुश्मन के

खून की होली खेली थी।

भौचक्के से देख रहे सब

ऐसी अज़ब पहेली थी।


किस्से वीर शिवाजी के सब 

उसको याद जुबानी थे।

खूब लड़ी रानी मर्दानी 

दुश्मन पानी पानी थे।


उस नारी की अदभुत गाथा

बच्चों फिर से गान करो।

आज़ादी हम ले आयें हैं 

आज़ादी का मान करो।


अब जो झंडा लाल किले पर

लहर लहर लहराता है।

वीर सपूतों की वो हमको

पल पल याद दिलाता है।


लाखों वीर सपूतों की माँ

उन पर बलि बलि जाती है।

देश की ख़ातिर मर मिटने का

उनको सबक पढ़ाती है ।


फौलादी तन देकर उनको

काँधे शस्त्र सजा देती।

भारत माँ की रक्षा करना

उनका फर्ज़ जता देती।


प्रेम समर्पण भाव सिखा कर

माँओं ने जिनको पाला।

भारत माँ की ख़ातिर उन्होंने

सब कुछ अर्पण कर डाला।


सरहद पर जा लड़ते लड़ते

जय भारत की गाते थे

हँसते हँसते नैन पिता के

देश पे बलि बलि जाते थे


याद करो उनकी कुर्बानी

उनके किस्से पान करो।

आज़ादी हम ले आये हैं 

आज़ादी का मान करो।







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