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Bhoomika Lohia

Drama

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Bhoomika Lohia

Drama

आतंकवाद

आतंकवाद

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शांत संसार को भंग करने को,

आतंकवादी आते हैं।

शर्म लाज बिना रखे वो,

आतंकवाद फैलाते हैं।


न करता परवाह किसी की,

सारे घर तोड़ जाता है।

किसी का भाई, किसी की माई,

किसी के बच्चे को मार गिराता है।


ऐसा कठोर दिल बनता है ये,

केवल बुराई को पूजता है ये।

प्यार-प्रेम गिनता अंतिम ये,

खुद को प्रमुख समझता है।


न कोई रोक सकता इसको,

बस एकता है इसका हल।

आतंकवाद का नाश करने को,

चलो चलेंं लिए चित्त में बल।


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