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Avadhut Hilage Patil

Inspirational Others

5.0  

Avadhut Hilage Patil

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आत्मविश्वास

आत्मविश्वास

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कोई 'वजह' न थी,

की ये सफर शूरू किया,

जिंदगी तैयार न थी

फिर भी उसको मना लिया।


और फिर

चलता पडा मै

उस हसीन रास्ते पर,

अरसो बाद जिंदगी को जीसने जिने का कारण दिया।


ले चला जिंदगी को

उस कारंण की ओर,

ठोकर खाये, तुफान आये

पर सब मुश्किलों को मीटा दिया।


एक जुनुन सा था

जिंदगी को उस कारण तक पहुचाने के लिये,

पर रासतें मे ही जिंदगी ने धोका दिया।


तब ईश्वर भी मेहसुस होने लगा जीसने ये जीवन दिया,

पर हार नही मानी उस वक्त,

जिंदगी को पिछे छोड आया,

बेवजह शुरू किये इस सफर को

आत्मविश्वास ने सहारा दिया।


फिर ये कांटे क्या, तुफान क्या,

क्या ये परेशनिया,

एक दिन हासील करुंगा उस वजह को

ये मन को समझा दिया।


फिर पैर उठे और चल पडा उस मंझील की और,

केहता चला के,

जिंदगी ने साथ नहीं दिया तो क्या हुआ,

"आत्मविश्वास" ने पहुँचा दिया।



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