आशादीप
आशादीप
अनायास ही आशाओं का...
सूर्य अस्त हो जाए जब !
क्षण भर में हो तिमिर व्याप्त..
और बंद हो दिखनी राहें सब ।
सम्मुख आशंकाओं का
विकराल समंदर गहरा हो ।
सहसा ऐसी विपदा से ,
निस्तब्ध तुम्हारा चेहरा हो ।
अपने दृढ़ संकल्पों से तुम ,
नौका एक बना लेना ।
झिलमिल चंद्र रश्मियों से तुम ,
जगमग दीप जला लेना
