STORYMIRROR

Shweta vishal Jha

Inspirational

4  

Shweta vishal Jha

Inspirational

आशादीप

आशादीप

1 min
377


अनायास ही आशाओं का...

सूर्य अस्त हो जाए जब !

क्षण भर में हो तिमिर व्याप्त..

और बंद हो दिखनी राहें सब ।

सम्मुख आशंकाओं का 

विकराल समंदर गहरा हो ।

सहसा ऐसी विपदा से ,

निस्तब्ध तुम्हारा चेहरा हो ।

अपने दृढ़ संकल्पों से तुम ,

नौका एक बना लेना ।

झिलमिल चंद्र रश्मियों से तुम ,

जगमग दीप जला लेना



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational