आपदा
आपदा
फैली बर्बादी, उजड़े घर, बिखरे परिवार,
सदियों में आई ऐसी आपदा पहली बार।
दुनिया से हुए दूर, लेकिन अपने करीब,
खुद को पहचानने का मिला नसीब।
एक दौड़ में भागा चला जा रहा था,
चाह थी कुछ, कुछ अलग किए जा रहा था।
अपने अंदर झांकने का मौका मिल गया,
मिला जीने का मतलब और हुनर निखर गया।
नजरअंदाज हुए रिश्ते पटरी पर आ गए,
टेक्नोलॉजी से सब और करीब आ गए।
आपदा केवल नकारात्मकता नहीं देती,
समझने और जीने का नया सबब भी है देती।
