आ़़ओं घमंड भाव का परित्याग करें
आ़़ओं घमंड भाव का परित्याग करें
आ़़ओं घमंड भाव का परित्याग करें,
हर जगह खुशियों का संचार करें
प्रेम भाव की बंसी बजाकर
लोगों का सम्मान करें !
ऐसा रखों मन में भाव
जग कल्याण की बात हों
मन में दया भाव जगा कर
विश्व बंधुत्व की बात करें !
कभी मन में घमंड न करों
सबकों अपना मान लो,
जाग जायेगा विश्व अपना
अगर घमंड का मिलकर त्याग करें !