आम इंसान की जिंदगी
आम इंसान की जिंदगी


जिंदगी आम सुबह शाम
सुबह प्रभा प्रभाकर की प्रभा
रक्त की लाली लालिमा
संचार ,संवाद।।
शाम आम गुजरे लम्हों
यादों के नाम हासिल और गँवा
देने के मध्य विराम ।।
रात अवसान
दुनियां में सिर्फ एक नाम आया
चला गया रेंगती जिंदगी का
पैगाम।।
दो वक्त की रोटी औए महफूज साँसों धड़कन का इंसान
जीता चला गया जिंदगी की सच्चाई मान।।
ख़ुशी ,गम ,आंसू मुस्कान पतछड़ बहारो की परंपरा में जीता गया आदमी आम।।
आम ख़ास में फर्क इतना मात्र
आम जिंदगी खुद की ख्वाहिस
चाहत में दुनियां को कर देती कुर्बान।।
ख़ास जिंदगी जहाँ के नाम जहाँ में अंदाज़े बया जुदा खुदा खुद में
देखता स्व अहम् को छोड़ता ज़माने की रौशनी का रौशन
किरदार इंसान।।
पैदा होता आम सुबह प्रभाकर
प्रभा की ही तरह दुनिया में नए
देवीप्यमान दिनकर का अन्जाम
अभिमान।।
आम जिंदगी सुबह सूरज संग आती प्रचंड शौर्य जवाँ जज्बात
की ना बातना कोई गर्मी ना आवाज़ ;आगाज़, अंजाम
कोई बात ख़ास सिर्फ चलती सांसो का नाम।।
जिंदगी के अरमाँ जज्बात लम्हा लम्हा चलती दुनीयाँ को लम्हों के लिए रोक देने की शख्स शख्सियत का पैगाम।।
जिंदगी आम से ख़ास का मुसाफिर इल्म इरादों का फौलाद
मकसद मंजिल का बेलौस फरमान।।
ख़ास मायनो की जिंदगी अजिमो शान लम्हों की कदमो का नाज़
आम गुमनाम खोजती
दुनियां तारीख के पन्नों में मिलता
नहीं नाम ।।
मायूस जहाँ अपनी नस्लो की नसीहत से निकाल देता पन्ना
गुमनाम गुजरे वक्त का इंसान।।
जिंदगी उगता सूरज ढलती शाम
दुनियां में आम इंसान।।
जिसने सूरज की लाली की तरह
रगों की लहू को दे दिया ज़माने के नाम ।।
शौर्य सूर्य की गर्मी की चिंगारी ज्वाला मिशाल
मशाल ढलती शाम में जहाँ के अंधेरो का चाँद।।
सिर्फ सांसो धड़कन का जिस्म नहीं जिंदगी
अपने अंदाज़ की तूफ़ान उखाड़ फेकती ज़माने की दुःस्वरियो का जंजाल ।।
एक नए सुबह का साज नाज
दुनियां की तारीख का ईमान
जिंदगी ख़ास नाम।